चंडीगढ़ फर्नीचर मार्केट पर बुलडोजर का विध्वंस; प्रशासन ने 400 करोड़ कीमत की जमीन छुड़वाई, दुकानदार बोले- अब हम कहां जाएंगे

Chandigarh Furniture Market Demolished Action Photos
Chandigarh Furniture Market: चंडीगढ़ प्रशासन लगातार शहर में सरकारी जमीन पर से अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई में लगा हुआ है। पिछले कुछ ही दिनों के भीतर प्रशासन ने शहर में अलग-अलग जगहों पर कई अवैध कब्जे ध्वस्त किए हैं। जहां इसी कड़ी में अब प्रशासन ने सेक्टर-53-54 की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्केट पर बुलडोजर चलाया है।
रविवार सुबह प्रशासन के दस्ते ने फर्नीचर मार्केट की करीब 116 दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस द्वारा मौके पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त रहा। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की यहां तैनाती की गई थी।
वहीं इस एक्शन के दौरान खुद डिप्टी कमिश्नर (DC) निशांत यादव और SSP कंवरदीप कौर ने मौके का दौरा किया। उनके साथ पुलिस और प्रशासन के अन्य अधिकारियों की भी मौजूदगी रही। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि, सेक्टर 53–54 में लगभग 10–12 एकड़ की इस जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर फर्नीचर मार्केट बनाई हुई थी। अब लगभग 400 करोड़ कीमत की यह जमीन प्रशासन ने खाली करा ली है और पुनः अपने कब्जे में ली है।
दो घंटे की मोहलत देने के बाद दुकानें ध्वस्त
चंडीगढ़ प्रशासन ने फर्नीचर मार्केट पर बुलडोजर चलाने से पहले यहां स्थित दुकानों के सभी मालिकों को दो घंटे की मोहलत दी थी। ताकि वे दुकानों से अपने सामना को हटा लें और कहीं और ले जायें। मोहलत खत्म होने के बाद प्रशासन ने फर्नीचर मार्केट पर ताबड़तोड़ बुलडोजर एक्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद देखते ही देखते तीन शेड और लकड़ी से बनाई गई करीब 116 दुकानों के ढांचों को गिरा दिया गया।
इस बीच दुकानदारों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी किया लेकिन अधिकारियों का कहना था कि कई बार समय देने के बावजूद दुकानदारों ने अपनी दुकानें खाली नहीं की। करीब एक साल पहले ही दुकानदारों को फर्नीचर मार्केट को तोड़ने से पहले अपना सामान उठाने के लिए कहा था। लगातार प्रशासन उन्हें नोटिस तो कभी मौखिक रूप से फर्नीचर मार्केट पर कार्रवाई होने की बात से अवगत कराता रहा।
बीती 12 जुलाई को भी प्रशासन ने दुकानदारों को तीन दिनों का अल्टीमेटम देकर दुकान खाली करने को कहा था। लेकिन दुकानदारों ने जमीन खाली नहीं की। जिसके चलते रविवार को यह कार्रवाई की और इस कार्रवाई से पहले भी 2 घंटे का समय देकर फिर ढांचों को गिराया गया। बताया जाता है कि, प्रशासन के इस अल्टीमेटम के बाद 116 दुकानदारों में से कुछ ने ही दुकानों में से अपना सामान उठाया था जबकि अन्य प्रशासन से राहत की मांग कर रहे थे।
5000 हजार परिवार सड़क पर
दुकानदारों ने कहा कि वे 35 साल से ज्यादा समय से फर्नीचर मार्केट में काम कर रहे थे। सरकार की जमीन पर परमिशन मिलने के बाद ही दुकानें बनाई गईं। प्रशासन की कार्रवाई के चलते आनन-फानन में दुकानों से बहार निकाले गए सामान को अब कहां लेकर जाएँगे। प्रशासन ने हमसे अचानक हमारी रोजी-रोटी छीन ली है। अब खड़े पैर हम कहां जाएंगे। हमें बहुत नुकसान हुआ है। दुकानदारों ने कहा कि फर्नीचर मार्केट से 5000 परिवारों का पालन होता था जो अब सड़कों पर आ गए हैं।
सांसद ने कुछ नहीं किया
दुकानदारों का कहना था कि चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों ने बड़े बड़े दावे किए थे, फर्नीचर मार्केट को कभी टूटने नहीं देंगे। कांग्रेस के मौजूदा सांसद मनीष तिवारी ने भी वादा किया था कि फर्नीचर मार्केट को नहीं टूटने दिया जाएगा। लेकिन वो भी हमारी दुकानें नहीं बचा पाये। दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन को दुकानें तोड़ने से पहले उनके लिए शहर में दुकान के लिए जगह देनी थी। दुकानदारों को बसाया जाना था। लेकिन प्रशासन ने दुकानदारों की एक नहीं सुनी और अपना फरमान जारी कर दुकानदारों पर थोप दिया।
400 करोड़ की इस जमीन का विशेष महत्व
प्रशासन ने कहा कि, शहर के योजनाबद्ध एवं सतत विकास और जनहित सर्वोपरि के लिए चंडीगढ़ प्रशासन प्रतिबद्ध है। यह जमीन चंडीगढ़ के तृतीय चरण के शहरी विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई थी और अब इसे योजनाबद्ध विकास हेतु इंजीनियरिंग विभाग को सौंप दिया गया है। प्रशासन ने बताया कि, लगभग 400 करोड़ कीमत की इस जमीन का शहर के विकास और संरचनात्मक योजनाओं में विशेष महत्व है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने जानकारी दी कि, फर्नीचर मार्केट पर हुई इस कार्रवाई में मूल भूमि मालिकों को संबंधित कानूनों और नियमों के अनुसार उचित मुआवजा प्रदान किया गया है, जिससे अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हुआ है। साथ ही अवैध फर्नीचर मार्केट का विध्वंस एवं सार्वजनिक विकास हेतु इस जमीन की पुनः प्राप्ति प्रशासन के कार्य की बड़ी सफलता है।
DC की अवैध कब्जा करने वालों को चेतावनी
इस कारवाई के साथ ही चंडीगढ़ DC निशांत कुमार यादव ने शहर में सरकारी और सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को चेतावनी भी दी है। डीसी शहर के लोगों से अपील की है कि वे चंडीगढ़ की योजनाबद्ध संरचना को बनाए रखने में सहयोग करें और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा करने से बचें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पहलें शहर के समग्र विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि सार्वजनिक संसाधनों का लाभ सभी निवासियों को मिल सके।
DC निशांत कुमार यादव ने कहा कि, चंडीगढ़ प्रशासन अवैध कब्जों के विरुद्ध अपनी सख्त नीति को दोहराता है। आगामी समय में सार्वजनिक भूमि पर सभी अनधिकृत कब्जों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, और भविष्य में ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते रहेंगे। इसलिए लोग अवैध कब्जा करने की ओर कोई कदम न उठाएँ।